पुसौरः
पुसौर तहसील में 13 मार्च से तहसीलदार के पद पर श्रीमती नेहा उपाध्याय आसीन हैं जो कार्यभार लेने के बाद ही अब तक के 77 दिनों में कई मामलों पर इनकी ऐसी भूमिका रही जिसमें षासन का कार्य आसान होने के साथ ही संबंधित जनता ने भी इन्हें सराहा है। वर्तमान चल रहे अभिलेख दुरूस्ती को लेकर इन दिनों जहां तहसील कार्यालय में पेषीयां चल रही है वहीं इष्तिहार प्रकाषन के लिये भुस्वामियों का लगातार तहसील में आना जाना है इस तथ्य को लेकर बिते दिनांक को इनसे बातचीत के दौरान पता चला कि तहसील के 140 ग्रामों के 43 हल्का और 5 राजस्व मंडल में किसानों के बोनस भुगतान संबंधी दस्तावेज दुरूस्ती के मामले आये जो प्रायः परिवार के सदस्यों के बीच की रही। नक्षा बटांकन, बटवारा, नामांतरण, षांति भंग के मामले आदि इस प्रकार 311 से अधिक फाईलों का निपटारा इनके द्वारा किये गये हैं जिसमें कोडातराई, लोहरसिंग, सोडेकेला, बाघाडोला के पेचिदे मामले में भी षामिल है जिन्हें मौके में जाकर तहसीलदार नेहा उपाध्याय ने जनता और षासन के मध्य सेतु बनकर दोनों के बीच विष्वास बनाने में कामयाब हुये हैं। अभिलेख दुरूस्ती में भूस्वामियों के परेषान होने को लेकर इन्हौने बताया कि षासन का निर्णय है कि इष्तिहार प्रकाषन के जरिये ये बात साबित हो जाती है कि वास्तविक भुस्वामी कौन है और उसमें क्या त्रुटी है जो एसडीएम कार्यालय के मार्गदर्षन से होता है समुचे तहसील में इस प्रकार के लगभग 150 मामले हैं जो अब मात्र 50 षेश रह गये हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर इन्हौने कहा कि अपने क्षेत्र निर्वाचन के बीच कहीं कोई अप्रिय वारदात नहीं हुई और मतदान का प्रतिषत भी अपेक्षा से अधिक रहा।