DIG Khajan Singh Dismissed: CRPF DIG dismissed from service in the case of sexually harassing women personnel
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ के डीआईजी को बर्खास्त कर दिया गया है। डीआईजी के खिलाफ अर्धसैनिक बल में कार्यरत महिला बलों ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। लंबी जांच के बाद पुष्टि होने पर संघ लोक सेवा आयोग व गृह मंत्रालय के अनुमोदन के बाद यह आदेश राष्ट्रपति कार्यालय ने जारी किया है।
खजान सिंह सीआरपीएफ में डीआईजी के पद पर वर्तमान में सीआरपीएफ के पश्चिमी सेक्टर के अंतर्गत नवी मुंबई में तैनात थे। सीआरपीएफ में वे चीफ स्पोर्ट्स ऑफिसर के पद पर पदस्थ थे। उनका रैंक डीआईजी के स्तर का था। उन्होंने खेलकूद में अर्जुन पुरस्कार भी जीता था।
1986 के सियोल एशियन गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व खजान सिंह ने किया था। उन्होंने 200 मीटर बटरफ्लाई प्रतिस्पर्धा में रजत पदक जीता था। देश को उन्होंने 1951 के बाद इस प्रतिस्पर्धा में तैराकी में पदक दिलाया था।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में कार्यरत महिला पुलिस बल के एक समूह में खजान सिंह पर यौन उत्पीडन का आरोप लगाया था। जिसकी जांच केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल मुख्यालय ने अपनी आंतरिक समिति की ओर से करवाई और पीड़िताओं का बयान लिया। मामले की पुष्टि होने पर खजान सिंह को भी नोटिस दिया गया।
यह नोटिस यूपीएससी की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद खजान सिंह को दिया गया। जिसके जवाब में खजान सिंह ने आरोपी से इनकार करते हुए कहा कि उनकी छवि को खराब करने के लिए झूठे आरोप लगाए गए हैं। संघ लोक सेवा आयोग ने उनके बर्खास्तगी की अनुशंसा की। जिसका समर्थन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी किया। इसके बाद राष्ट्रपति कार्यालय को प्रस्ताव भेजा गया। राष्ट्रपति कार्यालय से 30 मई को खजान सिंह को बर्खास्त करने के आदेश जारी हुए। आदेश में कहा गया कि सेवा से बर्खास्तगी 31 मई से प्रभावी होगी।
बता दे सीआरपीएफ प्रसाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल देश के सबसे बड़े अर्ध सैनिक बलों में से एक है। इसमें लगभग तीन लाख 25 हजार अधिकारी व कर्मचारी तैनात है। सन 1986 में महिलाओं को पहली बार लड़ाकू रैंक दिया गया था।
ज्ञात हो कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा शुरू की गई आंतरिक जांच में सिंह को दोषी पाया गया था. जिसके निष्कर्षों के आधार पर संघ लोक सेवा आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से सिंह को बर्खास्त करने की सिफारिश की थी. जिसे मंत्रालय द्वारा स्वीकार करने के बाद सिंह को ये नोटिस जारी किए गए थे.
एक रिपोर्ट में बताया था कि 2021 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक कांस्टेबल ने सिंह पर यौन उत्पीड़न, बलात्कार और कई वर्षों तक उसे और अन्य महिला कांस्टेबलों को धमकी देने का आरोप लगाया था.
कांस्टेबल ने आरोप लगाया था कि सिंह ने अपने अपराधों को अंजाम देने के लिए अपने पद, शक्ति और अर्धसैनिक बल में अन्य प्रशिक्षकों और अधिकारियों के समर्थन का इस्तेमाल किया.
सीआरपीएफ ने जांच में पाया था दोषी…
सीआरपीएफ ने कुछ साल पहले उन पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच में उन्हें दोषी पाया था। सीआरपीएफ मुख्यालय ने पहले एक आंतरिक समिति की ओर से तैयार की गई जांच रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था और उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए इसे यूपीएससी और गृह मंत्रालय को भेज दिया था। सिंह को दो मामलों में आरोपों का सामना करना पड़ा। सीआरपीएफ, लगभग 3.25 लाख कर्मियों वाला मजबूत बल है, जिसने पहली बार 1986 में लड़ाकू रैंकों में महिलाओं को शामिल किया था।