Now the High Court took suo motu cognizance, summoned the health secretary, the doctor and nurse were absent, the woman delivered on the floor,
बिलासपुर। अंबिकापुर में एक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और नर्स गायब रहने के कारण महिला का फर्श पर प्रसव कराने के मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। सोमवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को शपथपत्र पर पूरी जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मुख्य सचिव(सीएस), स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग संचालक, कलेक्टर सरगुजा के साथ सीएमओ अंबिकापुर, सिविल सर्जन अंबिकापुर और मेडिकल आफिसर नवानगर को भी नोटिस जारी किया है। मीडिया में प्रकाशित खबरों पर कोर्ट ने संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की है।
हाईकोर्ट ने कहा कि यह बहुत खेदजनक स्थिति है। जब राज्य सरकार राज्य के दूरदराज के इलाकों में रहने वाली जनता को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए भारी मात्रा में धन खर्च कर रही है तो ऐसी स्थिति क्यों बन रही है। स्वास्थ्य केंद्रों के मामलों का प्रबंधन करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी- कर्मचारी जरूरत पर उपलब्ध नहीं हैं। सरकार को कुछ कड़े कदम उठाने चाहिए।
क्या करेंगे बताएं, वीडियो भी प्रसारित होने से रोकें
सुनवाई के बाद डीबी ने सचिव, स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग, रायपुर को निर्देश दिया है कि वे घटना के संबंध में उठाए गए कदमों के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करें और सुनिश्चित करें जो वीडियो इस घटना का ऑनलाइन वायरल किया गया है, उसे आगे प्रसारित करने से भी तत्काल रोका जाए।
जनहित याचिका मान हुई सुनवाई में कहा गया है कि 25 वर्षीया गर्भवती महिला ने 8 जून 2024 को सरगुजा जिले के नवानगर उप स्वास्थ्य केंद्र में फर्श पर अपने बच्चे को किसी डॉक्टर एंड नर्स की अनुपस्थिति में जन्म दिया। प्रसव पीड़ा होने पर उक्त महिला मितानिन के साथ उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची,लेकिन न तो वहा कोई डॉक्टर था और न नर्स मौजूद थी। महिला को स्वास्थ्य केंद्र के फर्श पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा था। परिवार के सदस्यों ने मेडिकल स्टाफ से संपर्क करने की कोशिश की थी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मिटाने ने बच्चों को जन्म देने में मदद की यहां तक की प्रसव के बाद बच्चे की देखभाल भी गांव की पारंपरिक गई द्वारा की गई जो की उप स्वास्थ्य केंद्र पर केवल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मौजूद था। मामले में शासन ने खंड चिकित्सा अधिकारी व स्टाफ नर्स को निलंबित किया है।
नवानगर निवासी प्रियावती पैकरा ने फर्श पर बच्चे को दिया जन्म
बीते 8 जून को दारिमा के सरकारी अस्पताल में नवानगर निवासी प्रियावती पैकरा ने अस्पताल में डाक्टर्स और नर्स की गैर मौजूदगी में मजबूरन मितानिनों की मदद से फर्श पर प्रसव के लिए मजबूरन होना पड़ा था. मितानिनों के द्वारा कराए गए असुरक्षित प्रसाव के दौरान पीड़िता को काफी कष्ट का सामना करना पड़ा था.
डॉक्टर और नर्स स्टाफ नदारद, मितानिनों ने असुरक्षित प्रसव कराया
जिला मुख्यालय से लगे नवानगर दरिमा उप स्वास्थ्य केन्द्र में शनिवार 8 जून की सुबह डॉक्टर व नर्स ड्यूटी से गायब थे. मजबूरन मितानिन को एक गर्भवती महिला को अस्पताल के फर्श पर लिटाकर असुरक्षित प्रसव कराया. प्रसव के दौरान गर्भवती महिला को काफी पीड़ा झेलनी पड़ी.
ग्राम पंचायत नवानगर निवासी प्रियावती पैकरा पति राजकुमार पैकरा प्रसव पीड़ा के बाद नवानगर दरिमा उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी, लेकिन वहां डाक्टर और नर्स दोनों मौके से गायब थे. ऐसे में परिजनों को प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को मितानिनों की मदद से प्रसव कराने के लिए मजबूर होना पड़ा.
स्वास्थ्य केंद्र परिसर में फर्श पर प्रसव कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हाईकोर्ट की इस पर नजर गई. प्रसव पीड़ा से जूझ रही गर्भवती महिला को मजबूरी में मितानिनों ने प्रसव करवाने पड़े, इससे महिला व बच्चे दोनों की जान को जोखिम की संभावना थी
नदारद डाक्टर्स और नर्स को फोन किया गया, नहीं उठा फोन
रिपोर्ट के मुताबिक प्रसव पीड़ा होने के बाद गर्भवती महिला को लेकर परिजन दरिमा उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जब परिजनों को पता चला कि डाक्टर्स और नर्सेज अस्पताल में मौजूद नहूीं है, तो उन्होंने बुलाने के लिए डाक्टर और नर्स को कई बार फोन किया, लेकिन दोनों का फोन नहीं उठा.
मौजूद था सिर्फ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, गंभीर हो गई महिला की हालत
मितानिनों के मदद से अस्पताल के फर्श पर कराए गए असुरक्षित प्रसव से महिला की स्थिति काफी गंभीर हो गई थी. प्रसव के बाद परिजनों ने गांव से दाई को बुलाकर साफ-सफाई कराई. इस दौरान अस्पताल में मात्र एक चतुर्थ वर्ग कर्मचारी उपस्थित थी, जबकि हमेशा की तरह उप स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर व नर्स गायब थे.