CBSE: Board examinations approved, agreement to conduct exams twice a year in January and April from session 2025-26
नई दिल्ली। सीबीएसई बोर्ड से पढ़ रहे छात्रों के लिए बड़ी अपडेट है। शिक्षा मंत्रालय एवं देशभर के स्कूलों के बीच सत्र 2025-26 से साल में दो बार कक्षा 10वीं एवं कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने पर सहमति बन गई है। सत्र 2025-26 से सीबीएसई की ओर से दोनों ही कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन जनवरी एवं अप्रैल महीने में करवाया जाएगा। पहली बार परीक्षाएं 2026 के जनवरी माह में आयोजित की जाएंगी और इसी वर्ष अप्रैल माह में दूसरी बार बोर्ड एग्जाम्स का आयोजन किया जाएगा।
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छात्र अपनी सुविधानुसार इन परीक्षाओं में ले सकेंगे भाग
10th एवं 12th के छात्र बोर्ड परीक्षाओं में अपनी सुविधानुसार एक बार या दोनों बार भाग ले सकेंगे। ऐसे छात्र जो अपने रिजल्ट में सुधार करना चाहेंगे वे भी दोनों सेशन की परीक्षाओं में भाग ले सकेंगे। दोनों ही बोर्ड परीक्षाओं में छात्र इसमें से अपना बेस्ट स्कोर चुन सकेंगे। छात्र चाहें तो वे केवल एक ही सत्र की परीक्षा में भाग ले सकते हैं।
2025-26 सत्र में होगा पुराना सिलेबस शिक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सत्र 2025-26 में बोर्ड एग्जाम पुराने सिलेबस के आधार पर ही संपन्न करवाई जाएंगी। नए सिलेबस की किताबें आने में 2 साल का समय लगेगा। नयी किताबें आने के बाद सत्र 2026-27 से 8वीं, 10वीं एवं 12वीं कक्षा की नई किताबें उपलब्ध हो जाएंगी।
तीन विकल्पों में से प्रिंसिपल्स ने चुना ये विकल्प
शिक्षा मंत्रालय की ओर से सीबीएसई बोर्ड एग्जाम के लिए तीन विकल्प दिए गए थे। इन विकल्पों में से देश के 10 हजार से ज्यादा स्कूलों के प्रिंसिपल्स ने तीसरा विकल्प चुना है। इसके तहत जेईई मेंस एग्जाम की तरह ही बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन दो सेशन में करवाया जाये और सभी छात्रों को इसमें शामिल होने की अनुमति मिले।
मंत्रालय ने 3 विकल्प दिए थे, 2 पर इनकार
शिक्षा विभाग के सामने 3 विकल्प थे…
पहला: उच्च शिक्षा के सेमेस्टर सिस्टम की तरह साल में हर सेमेस्टर के अंत में आधे-आधे सिलेबस की एक परीक्षा ली जाए, जो सितंबर और मार्च में हो।
दूसरा: अभी जिस तरह मार्च-अप्रैल की बोर्ड परीक्षा के बाद जुलाई में सप्लीमेंट्री एग्जाम होते हैं, उस समय सप्लीमेंट्री की जगह पूरी बोर्ड परीक्षा कराई जाए।
तीसरा: जैसे जेईई मेंस के लिए जनवरी और अप्रैल में दो बार परीक्षाएं ली जाती हैं, उसी तरह समूचे सिलेबस की बोर्ड परीक्षाएं भी एक बार जनवरी तो दूसरी बार अप्रैल में आयोजित हों।
अधिकांश प्रिंसिपल तीसरे विकल्प पर सहमत हैं। सेमेस्टर सिस्टम को ज्यादातर प्रिंसिपल ने खारिज कर दिया। जुलाई में दूसरे विकल्प की परीक्षा पर उनका तर्क था कि इससे छात्रों को साल बचाने या उच्च शिक्षा के लिए दाखिले में मदद नहीं मिलेगी। प्रिंसिपल्स से अपने विचार लिखित में जमा करने के लिए कहा गया है।
तैयारी
2025-26 में बोर्ड परीक्षाएं पुराने सिलेबस-किताबों पर होंगी
नए सिलेबस पर कक्षा-10 और 12वीं की किताबें आने में 2 साल लगेंगे, क्योंकि 8, 10 और 12 की किताबें 2026-27 के सत्र में ही उपलब्ध हो सकेंगी।
साल में दो बार बोर्ड एग्जाम होने से बच्चों का स्ट्रेस कम होगा, ज्यादा ऑप्शन मिलेंगे
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक बोर्ड एग्जाम को बच्चों के लिए स्ट्रेस-फ्री बनाने को लेकर शिक्षा मंत्रालय ड्राफ्ट तैयार कर रहा है। साल में दो बार बोर्ड एग्जाम होने से बच्चों पर इन एग्जाम का प्रेशर कम होगा और दो बार एग्जाम देकर अपने मार्क्स बेहतर करने के लिए ज्यादा मौके भी मिलेंगे।
PTI के मुताबिक बोर्ड एग्जाम और 10वीं-12वीं के सिलेबस में सेमेस्टर पैटर्न शुरू करने के ड्राफ्ट को फिलहाल रोक दिया गया है।
इस साल मई में CBSE, शिक्षा मंत्रालय स्कूलों से करेंगे चर्चा
इस साल मई में शिक्षा मंत्रालय और CBSE से जुड़े ऑफिसर्स चुनिंदा स्कूलों के प्रिंसिपल से साल में दो बार बोर्ड एग्जाम कराने को लेकर चर्चा भी करेंगे। फिलहाल, CBSE साल में दो बार बोर्ड एग्जाम कराने के लिए एकेडमिक कैलेंडर डिजाइन कर रहा है।
दो बार बोर्ड एग्जाम कराने के लिए कैलेंडर डिजाइन कर रहा है CBSE
CBSE को 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए कुछ इस तरह से कैलंडर डिजाइन करना होगा कि साल में दो बार पूरे सिलेबस के साथ बोर्ड एग्जाम कराए जा सकें और 12वीं के बाद अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन प्रोसेस पर भी कोई असर न पड़े।
PTI से जुड़े सोर्स के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय ने CBSE बोर्ड को साल में दो बार एग्जाम कंडक्ट कराने को लेकर लॉजिस्टिक्स यानी सिस्टमैटिक तरीके से प्लानिंग करने को कहा है।