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कथावाचक भोले बाबा का निकल रहा था काफिला, और फिर… अब तक 100 से अधिक मौत, सामने आई हाथरस में भगदड़ की असल वजह,

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Storyteller Bhole Baba’s convoy was going out, and then… more than 100 deaths so far, the real reason behind the stampede in Hathras came to the fore,

हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ की घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। भगदड़ के दौरान अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत सूचना मिली है। वहीं, शांतिपूर्ण चले सत्संग के समापन के बाद अचानक मची भगदड़ की मुख्य वजह भी सामने आ गई है।
मिली जानकारी के अनुसार, जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के पास एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग के बाद बड़ा हादसा हुआ। भगदड़ का मुख्य कारण यह था कि यहां कथा कहने आए कथावाचक भोले बाबा का काफिला निकल रहा था। इस दौरान सत्संग में शामिल श्रद्धालु भी अपने घर को निकल रहे थे।

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भीड़ को रोकने मची भगदड़

बाबा के काफिले को निकालने के लिए भीड़ को एक हिस्से से को रोका गया, इसी दौरान भगदड़ मच गई। इसमें 90 लोगों की मौत होना बताया जा रहा है। मृतकों में हाथरस और एटा के रहने वाले हैं।
मृतकों को अलीगढ़ और एटा पहुंचा गया है।। मौके पर डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल रवाना हो गए हैं। आईजी शलभ माथुर सिकंदराराऊ के लिए रवाना हो गए हैं।

हादसे के पीछे व्यवस्थापकों की गलती

दोपहर लगभग 12.30 बजे सत्संग समाप्त होने के बाद भीड़ को रोक दिया गया था और भोले बाबा को पीछे के दरवाज़े से निकाला जा रहा था। इससे अंदर दबाव बढ़ गया। वहां एक गहरा गड्ढा था, जिसमें कुछ लोग गिरे तो भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे को रौंदकर निकलते रहे। गड्ढे में गिरकर कई लोगों की मौत हो गई।

कौन हैं कथावाचक भोले बाबा?

हाथरस में सत्संग करने आए कथावाचक भोले बाबा जिला कासगंज के पटियाली के बहादुर नगर के रहने वाले हैं। इनका मुख्य नाम एसपी सिंह है। भोले बाबा ने 17 वर्ष पहले पुलिस में एसआई के पद से नौकरी छोड़ी थी और इसके बाद से सत्संग शुरू कर दिया था।
बताया गया कि एसपी सिंह (भोले बाबा) ने नौकरी के दौरान ही वे मानव धर्म सेवा के उपदेश देना शुरू कर दिया था। वहीं, भोले बाबा और उनके अनुयायी आम तौर पर मीडिया से दूर ही रहते हैं।

क्या बोले एटा के एसएसपी

एटा के एसएसपी राजेश कुमार सिंह का कहना है, ”हाथरस जिले के मुगलगढ़ी गांव में एक धार्मिक कार्यक्रम चल रहा था, तभी भगदड़ मची. एटा अस्पताल में अब तक 27 शव मिले हैं, जिनमें 23 महिलाएं, 3 बच्चे शामिल हैं , और 1 आदमी घायल अस्पताल नहीं पहुंचे हैं. इन 27 शवों की पहचान की जा रही है.”
एटा के एसएसपी राजेश कुमार सिंह ने आगे कहा कि हाथरस जिले के मुगलगढ़ी गांव में भोले बाबा का प्रोग्राम चल रहा था, तभी भगदड़ मची, जिसमें कई लोगों की मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अब तक एटा अस्पताल में 27 शव पहुँच चुके हैं, जिसमें 23 महिलाएं, 3 बच्चे और एक एक पुरुष शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ये बहुत ही दुखद घटना है. भगवान इनकी आत्मा को शांति दे.

सत्संग में भगदड़ मचने से कई लोगों की मौत

घटना को लेकर बताया जा रहा है कि भोले बाबा का सत्संग चल रहा था और समापन के दौरान भगदड़ मच गई.दर्शन करने पहुंची महिलाओं में से एक महिला ने बताया कि हम भोले बाबा का दर्शन करने के लिए यहाँ पहुँचे थे, तभी भगदड़ मच गई. इस दौरान हम और मेरा बच्चा भी भीड़ के नीचे आ गए, लेकिन हम किसी तरह बच पाए.

सीएम ने घटनास्थल पर भेजे अधिकारी

हादसा हाथरस के फुलरई गांव में हुआ है। हादसे के बाद जैसे-तैसे घायलों और मृतकों को बस-टैंपों में लादकर अस्पताल ले जाया गया। सीएम योगी ने मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया। घटना के कारणों की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की टीम गठित की गई है।
भोले बाबा का असली नाम नारायण साकार हरि है। वह सत्संग करते हैं। एटा जिले की पटयाली तहसील के गांव बहादुर के रहने वाले हैं। उन्होंने 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़कर प्रवचन शुरू किया था। प्रवचन में वह दावा करते हैं कि वे गुप्तचर ब्यूरो में नौकरी करते थे। भोले बाबा के अनुयायी पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तराखंड में ज्यादा हैं।

भीड़ और लाशों के बीच अपनों की तलाश

हाथरस प्रशासन ने प्राइवेट अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है। सभी से बेड रिजर्व रखने को कहा है। घायलों को अब प्राइवेट अस्पताल ले जाया जा रहा है। मौके पर हालात बेकाबू है। हर कोई भीड़ और लाशों के बीच अपनों को तलाश रहा है।

प्रत्यक्षदर्शी ज्योति ने बताया- हम लोग शांति सत्संग में गए थे। सत्संग खत्म होने के बाद हम लोग निकलने लगे। भीड़ बहुत ज्यादा थी, तभी अचानक भगदड़ मच गई। जिससे कई लोग एक दूसरे पर गिर गए। कई लोगों की जान चली गई। मेरे साथ आए कई लोगों की जान चली गई है। मैं भी दब गई थी। लगा था कि मौत हो जाएगी, लेकिन किसी तरह से बच गई।

 

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