Police will file chargesheet in court today in Swati Maliwal assault case, Bibhav Kumar’s troubles may increase
नई दिल्ली। आप सांसद व दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) के साथ मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के निजी सहायक बिभव कुमार द्वारा मारपीट व छेड़छाड़ करने के मामले में उत्तरी जिला पुलिस मंगलवार को तीस हजारी कोर्ट में आरोपपत्र दायर करेगी।
13 मई को स्वाति मालीवाल पहुंची थी केजरीवाल आवास
इस हाई प्रोफाइल मामले में त्वरित जांच कर पुलिस 60 दिन के अंदर आरोपपत्र तैयार करने में कामयाब रही है। 13 मई की सुबह करीब नौ बजे स्वाति मालीवाल कुछ महत्वपूर्ण मसलों पर केजरीवाल से बातचीत करने उनके सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पर पहुंची थीं।
15 मई को पुलिस ने दर्ज किया था केस
तब बिभव कुमार ( Bibhav Kumar) ने डायनिंग रूम में मालीवाल की लात-घूंसों व थप्पड़ से बुरी तरह पिटाई कर दी थी। दो दिन बाद 15 मई को सिविल लाइंस थाना पुलिस ने मालीवाल के बयान के आधार पर बिभव के खिलाफ आईपीसी की पांच धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया था।
बिभव कुमार करीब दो माह से तिहाड़ जेल में बंद
बाद में पुलिस (Delhi Police) ने मुकदमे में साक्ष्य मिटाने की धारा भी जोड़ दी थी। बिभव कुमार करीब दो माह से तिहाड़ जेल में बंद है। उसके खिलाफ दर्ज सभी छह धाराओं में आरोपपत्र दायर किया जाएगा।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि स्वाति मालीवाल के सीआरपीसी की धारा 164 के तहत तीस हजारी कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान को आरोपपत्र में सबसे अहम साक्ष्य के तौर पर रखा गया है।
घटना के दौरान सीएम आवास में मौजूद दिल्ली पुलिस सुरक्षा यूनिट के पुलिसकर्मियों, विभिन्न विभागों के सरकारी कर्मचारियों, जांच से जुड़े पुलिसकर्मियों, मालीवाल की मेडिकल जांच करने वाले एम्स के डॉक्टरों व अन्य को चश्मदीद व अन्य गवाह बनाया गया है। पुलिस अधिकारी का दावा है कि पर्याप्त साक्ष्यों के साथ आरोपपत्र दायर किया जाएगा।
हाईकोर्ट ने बिभव की याचिका को सुनवाई योग्य बताया था
बिभव कुमार ने ट्रायल कोर्ट से दो बार जमानत याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट ने 1 जुलाई को गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली बिभव कुमार की याचिका को स्वीकार कर लिया। जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने याचिका को सुनवाई योग्य बताते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
क्या है स्वाति मालीवाल मारपीट केस, 3 पाइंट में समझिए…
बिभव पर AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से 13 मई को सीएम आवास पर मारपीट का आरोप है। स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस ने 16 मई को FIR दर्ज की थी।
स्वाति ने दावा किया था कि वो केजरीवाल से मिलने उनके आवास गई थीं। वहां बिभव ने उन्हें सीएम से मिलने से रोका और मारपीट की। बिभव ने उन्हें 7-8 थप्पड़ मारे। पेट और प्राइवेट पार्ट पर लात मारी। इससे उनके शर्ट के बटन टूट गए।
मालीवाल के मुताबिक, उनके कपड़े खुल गए थे, लेकिन बिभव ने मारना नहीं छोड़ा। बिभव ने उनका सिर भी टेबल पर पटक दिया। केजरीवाल घर पर थे, लेकिन फिर भी कोई मदद के लिए नहीं आया।
ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान रो पड़ी थीं स्वाति
बिभव कुमार ने 25 मई को ट्रायल कोर्ट में जमानत के लिए याचिका लगाई थी, जिस पर 27 मई को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान स्वाति भी कोर्ट में मौजूद थीं। बिभव के वकील हरिहरन ने सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि जब सेंसिटिव बॉडी पार्ट्स पर चोट के निशान नहीं मिले तो गैर इरादतन हत्या की कोशिश का सवाल ही नहीं है। न ही बिभव का स्वाति को निर्वस्त्र करने का कोई इरादा था। ये चोटें खुद को पहुंचाई जा सकती हैं।
बिभव के वकील ने यह भी कहा कि पुराने जमाने में ऐसे आरोप कौरवों पर लगे थे, जिन्होंने द्रौपदी का चीरहरण किया था। स्वाति ने यह FIR पूरी प्लानिंग करके 3 दिन बाद दर्ज कराई है। ये दलीलें सुनकर स्वाति कोर्ट रूम में ही रो पड़ीं।
बिभव सरकारी कर्मचारी के साथ मारपीट के मामले में बर्खास्त हुए
मार्च 2024 में बिभव को CM के पर्सनल सेक्रेटरी के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। स्पेशल सेक्रेटरी विजिलेंस वाईवीवीजे राजशेखर ने आदेश जारी कर कहा था कि बिभव की सेवाएं तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी गई हैं। उनकी नियुक्ति के लिए निर्धारित प्रक्रिया और नियमों का पालन नहीं किया गया। इसलिए ये नियुक्ति अवैध और शून्य करार दी जाती है। राजशेखर ने ये आदेश 2007 के एक मामले के आधार पर दिया।