रायगढ़: 26 जनवरी को सारे देश में गणतंत्र दिवस पूरे जोश व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बैंक आफ बड़ौदा, हंडी चौक रायगढ शाखा ने अपना गणतंत्र दिवस सरकारी स्कूल के बच्चों को आवश्यक पाठ्य सामग्री बांटकर मनाया। देश का दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीयकृत बैंक, बैंक आफ बड़ौदा अपने ग्राहक सेवा के साथ सामाजिक उत्थान के कार्यक्रम में सक्रिय रहता है। आज से 116 वर्ष पहले 20 जुलाई 1908 को राजा सयाजीजीराव गायकवाड तृतीय ने बैंक आफ बड़ौदा की नींव रखी थी। तब से लेकर आज तक यह बैंक अपने ग्राहकों की सेवा के अलावा सामाजिक उत्थान की गतिविधियों में भी अपनी अहम भूमिका निभाता है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर बैंक आफ बड़ौदा, हंडी चौक, रायगढ़ शाखा के अधिकारियों ने सुदूर ग्राम बम्हनीपाली के शासकीय प्राथमिक शाला के बच्चों को स्कूल बैग व आवश्यक पाठ्य सामग्री और खाद्य सामग्री वितरित की। बरमकेला से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम बम्हनीपाली के शासकीय प्राथमिक शाला के बच्चे अत्यंत प्रतिभावान व ऊर्जावान हैं । ऐसे बच्चों को भी मूलभूत आवश्यक सुविधाओं के अभाव में संघर्ष करना पड़ता है। बच्चों को इस प्रकार की आवश्यक पाठ्य सामग्री प्रदान करने पर उनकी मनोबल में वृद्धि होती है और उनके अंदर छुपे अमूल्य प्रतिभा को निखारा जा सकता है।
बैंक आफ बड़ौदा से आए वरिष्ठ शाखा प्रबन्धक महोदय प्रोसेन जीत अधिकारी बच्चों की प्रतिभा व लगन को देख कर मंत्र मुग्ध हो गए । उन्होने कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चे मध्यम व निम्न वर्ग से आते हैं। इन बच्चों के पास मूलभूत सुविधाओं का अभाव रहता है, जिससे इनका अध्ययन कार्य प्रभावित होता है। इन जरूरत मंद बच्चों को आवश्यक सामानों की पूर्ति कर हमारा बैंक इनके प्रगति पथ पर इनका सहायक बनना चाहता है। बैंक के सदस्य श्री सुंदर लाल पटेल ने बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ खेल, गीत, संगीत व अन्य क्षेत्र में भी जरूर शामिल होने के लिए प्रेरित किया। इससे बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास होता है।
बैंक के अन्य सदस्य गुलावन सिंह ठाकुर सेना से निवृत्त हुए हैं तथा उन्होने 1999 में कारगिल का युद्ध लड़ा है। श्री ठाकुर ने कहा कि अच्छे तन में ही अच्छे मन का वास होता है। सभी बच्चों को श्री ठाकुर ने अपने शरीर को हमेशा स्वस्थ और तंदरूस्त रखने के गुर बताए। इस स्कूल के बच्चों के अंदर छुपी प्रतिभा को निखारने के काम में मुख्य भूमिका शाला प्रबंधन का है । उल्लेखनीय है कि राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित प्रधान पाठक अनुराज वर्मा, अपने गणितीय गतिविधियों से बच्चों को खेल खेल में ही कठिन सवालों को हल करने का गुर सिखाते हैं । अध्यापक दुर्योधन खम्हारी व बच्चों की अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाने वाली अध्यापिका श्रीमती जानकी पटेल का अथक प्रयास है जिसके परिणाम स्वरूप स्कूल में प्रतिदिन शत प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति रहती है।