Home छत्तीसगढ़ नव गठित जिला सक्ती में प्रगतिशील स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर मिला सम्मान

नव गठित जिला सक्ती में प्रगतिशील स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर मिला सम्मान

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इंडिया न्यूज मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के द्वारा आयोजित मंच कार्यक्रम में मिला सम्मान

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सक्ती। दिनांक 30 जनवरी 2024 को इंडिया न्यूज मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ टीवी चैनल द्वारा आयोजित सबसे बड़े राजनीतिक मंच कार्यक्रम जिसमे राजनीतिक मंच कार्यक्रम में जिसमे सामाजिक, स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र के बारे में चर्चा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरूण साव सहित विभिन्न राजनेता, समाजिक कार्यकर्ता, अधिकारी कर्मचारी गण शामिल हुए थे बता यह कार्यक्रम लखीराम अग्रवाल सभाघर बिलासपुर में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में अंत में इंडिया न्यूज चैनल द्वारा चैनल द्वारा मुख्य अतिथि अरुण साव के हाथो कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारी आदि को सम्मान दिया गया इसी तारतम्य में
नवीन जिला सक्ती के प्रथम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सूरज राठौर को स्वास्थ्य प्रगतिशील स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सम्मान प्राप्त हुआ।
शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में इन दिनों संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न पहल किया जा रहा है वही हाई रिस्क प्रेगनेंसी की जल्द से जल्द पहचान कर मुख्यालय स्थित मातृत्व एवं शिशु अस्पताल में कार्यरत स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श जिसके लिए मैदानी स्तर के स्वास्थ्य कार्यकर्ता सी एच ओ ,आर एच ओ गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य परीक्षण कर टेलीफोनिक तथा वाट्सएप ग्रुप मेसेज के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करते है और गर्भवती माताओं की स्थिति के अनुरूप उनके प्रसव पूर्व जांच तथा प्रसव हेतु स्वाथ्य केंद्र का चयन करते है सामान्य स्थित में प्रसव एचडब्ल्यूसी पीएचसी कराया जा रहा है, चिन्हाकित हाई रिस्क प्रेगनेंसी को सक्ती के एमसीएच अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक से कराया जा रहा है।

बता दे की सीएचसी में आपरेशन थिएटर का उन्नयन किया जा रहा है डभरा सीएचसी ऑपरेशन थियेटर प्रारंभ किया गया है जहा वर्तमान में हाइड्रोसिल और पुरुष नसबंदी ऑपरेशन किया जा है वही जैजैपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सिजेरियन ऑपरेशन, महिला नसबंदी ऑपरेशन किया जा रहा है
मालखरौदा आपरेशन थिएटर उन्नयन कार्य प्रगति में है जल्द ही स्त्री रोग विशेषज्ञ की सेवाएं प्रारंभ किया जाएगा वही सक्ति में एमसीएच अस्पताल में सीजेरियन आपरेशन की सुविधा विगत दो महीने से प्रारंभ किया गया है नवीन जिले में शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की सेवा शुरू किया गया है जल्द ही गहन शिशु चिकित्सा यूनिट संचालित किया जाएगा जिससे नवजात शिशुओं को गहन चिकित्सा हेतु हेतु जिले से बाहर न जाना पड़े

संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने हेतु किया जा रहा है प्रयास और लगाया जा रहा है जन चौपाल
यूनिसेफ के सहयोग से चलाया जा रहा है सर्व शक्ति अभियान

छत्तीसगढ़ के नवगठित सक्ती जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत आर एच ओ सी एच ओ को प्रशिक्षित कर सामान्य प्रसव की सुविधा उपलब्ध कराना
ग्राम में स्वास्थ्य कर्मचारी मितानिन और आमजन जन चौपाल में बैठकर स्वास्थ सुविधाओं के संबंध में चर्चा करते है स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी आमजनों को संस्थागत लक्ष्य दंपती चिन्हाकन, प्रसव पूर्व जांच, उच्च जोखिम प्रेगनेंसी, गर्भवती माताओं के खान पान, गर्भवती माताओं और नवजात शिशुओं को लगने वाले टिका , उनके रक्त की जांच, शासकीय संस्था में प्रसव पर मानदेय से सबंधित जानकारी प्रदान कर जन चौपाल के माध्यम से गर्भवती माताओं को संस्थागत प्रसव हेतु प्रेरित कर रहे हैं ताकि गर्भवती माताओं प्रसव हेतु प्राइवेट या फिर जिले के बाहर के चिकित्सा संस्थानों में जाना न पड़े और उन्हें ये सुविधा उनके ग्राम में उपलब्ध हो इस तरह गर्भवती माताओं के परिवार पर प्रसव हेतु कोई आर्थिक बोझ नहीं होगा जैसा के पहले भी बताया कि अब जिले के मातृत्व स्वास्थ लाभ जिले में मुहैया कराया जा रहा है ।

जिला कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना के प्रत्यक्ष अवलोकन में चलाया जा रहा सर्व शक्ति अभियान, स्वास्थ्य जन चौपाल, स्नेहीत कार्यक्रम

पहल की शुरुवात कब हुई और आज दिनांक तक क्या परिणाम है जाने इतिहास….. यदि बात जान चौपाल का किया जाए तो बता दे कि हमारा पहला जन चौपाल दिनांक 12 दिसंबर 2023 को किरारी ग्राम पंचायत से आरंभ किया गया था अब तक जिले में 638 से ज्यादा जन चौपाल किया जा चुका है तथा इससे लगभग 6448 आमजनों इस जन चौपाल में भाग लिया जा चुका है।
इसी सब प्रयासों का फल है की आज नव गठित सक्ती जिले में 19 ऐसे ग्राम स्तर के स्वास्थ केंद्र थे जहा पूर्व में प्रसव होता ही नही था मगर दिसंबर ,जनवरी , माह में इन 19 प्रसव सुविधा विहीन स्वास्थ्य केंद्रों में कुल 47 संस्थागत प्रसव किया गया है सक्ति जिले में सीजेरियन 415 से अधिक आपरेशन दिसंबर 437से अब तक किया गया है महिला नसबंदी दिसंबर से अब तक 317 किया गया है गर्भाशय आपरेशन 6 किया जा चुका है।

आखिर इस योजना में कितने लोग कार्यरत हैं, उनकी मोनेट्रिंग कैसे की जाती है जाने

जिले में कार्यरत समस्त सामूदायिक स्वास्थ्य अधिकारी कुल 69 , समस्त ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक महिला कुल 100 ,समस्त ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक पुरुष कुल 99 ,मितानिन 1654 इस तरह से पूरे जिले में 1922 कर्मचारी इस योजना में कार्य कर रहे हैं।
प्रथम चरण में जन चौपाल आयोजन कर रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा था जिसके समीक्षा जिला स्तर पर कलेक्ट एवं सीएमएचओ द्वारा प्रति स्वास्थ्य केंद्र वार प्रति माह किया जा रहा था। द्वितीय चरण में गूगल शीट के माध्यम से ऑनलाइन रिपोर्टिंग स्वथ्य केंद्र के स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा की जा राही है जिसकी समीक्षा जिला स्तर पर कलेक्टर एवं सीएमएचओ द्वारा स्वास्थ्य केंद्र वार प्रति माह की जा रही है ।

जिले में कुपोषण कम करने के लिए भी किया जा रहा है प्रयास

जिले में कुपोषण कम करने हेतु नई रणनीति बनाई गई है जिसे स्नेहित कार्यक्रम का नाम दिया गया है
जिला प्रशासन के जिला स्तर , ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को गंभीर कुपोषित बच्चों की जिम्मेदारी सौंपी गई है ये अधिकारी कुपोषित बच्चों के गृह भ्रमण कर उनके परिजनों से मुलाकात कर उन्हें रेडी टू ईट तथा डाइट चार्ट अनुरूप खाने हेतु प्रेरित कर रहे हैं इसी तरह स्वास्थ्य विभाग के समस्त सामूदायिक स्वास्थ्य अधिकारी को अपने केंद्र अंतर्गत आने वाले ग्राम के कुपोषित बच्चों की जिम्मेदारी सौंपी गई है
ऐसे कुपोषित बच्चे जिनको संतुलित पौष्टिक आहार उपरांत भी वजन में वृद्धि नहीं होती उन्हें स्वास्थ्य जांच हेतु शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के परामार्श एवं स्वास्थ्य जांच ,उपचार हेतु जिला प्रशासन की टीम गठित कर भेजा जाता है
आमतौर पर कुपोषण के कारण पौष्टिक आहार न मिलना या किसी स्वास्थ्य गत कारणों से होती है
इस योजना में इन दोनो कारणों को पहचान और उनका निदान करने की पहल की जा रही है इसके लिए प्रत्येक कुपोषित बच्चे की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी गई है
प्रत्येक समय सीमा बैठक में जिला कलेक्टर द्वारा समस्त अधिकारीयो से उन्हें सौंपी गए कुपोषित बच्चे के संबंध जानकारी ली जाती है इस तरह कुपोषित बच्चे सीधे जिला प्रशासन के निगरानी में आ जाते ही और उनको हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जाती है जिससे बच्चे अब कुपोषण से मुक्त हो रहे है।

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