नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा से पहले चुनाव आयोग की सबसे महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता आज शाम 4:30 बजे जम्मू में होगी. लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले चुनाव आयोग का दौरा किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश का अंतिम दौर है. आज शाम 4:30 बजे होनेवाली चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता दो वजहों से बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाती है. पहला, चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के अचानक और आश्चर्यजनक इस्तीफे के बाद पहली बार हो रहा है. ऐसे में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से अरुण गोयल के इस्तीफे को लेकर सवाल पूछे जाने की संभावना है.
अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग फिलहाल तीन सदस्यीय आयोग की जगह सिर्फ एक सदस्यों वाला रह गया है. मौजूदा में चुनाव आयोग का नेतृत्व सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार कर रहे हैं. हालांकि चुनाव आयोग में रिक्त पड़े दो चुनाव आयुक्त के पदों पर नियुक्ति के लिए 14 मार्च को प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक होने वाली है. वहीं चुनाव आयुक्तों का चयन भी होने वाला है लेकिन तब तक आयोग एक सदस्यीय ही रहेगा.
दूसरा, चुनाव आयोग ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर तीन दिवसीय दौरे पर जम्मू कश्मीर गया है और पहले श्रीनगर और फिर जम्मू का दौरा करने के बाद आज चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता में साफ-साफ तो नहीं, लेकिन कुछ संकेत जरूर मिलेंगे की जम्मू कश्मीर में लोकसभा के साथ-साथ राज्यों के विधानसभा चुनाव भी होंगे कि नहीं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को सितंबर, 2024 तक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया है. लेकिन देखना यह होगा कि क्या चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव के साथ ही जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव की भी घोषणा करता है कि नहीं.
बता दें कि लोकसभा चुनाव के साथ चार राज्यों के विधानसभा चुनाव पहले से ही निश्चित है जिनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, उड़ीसा और सिक्किम है. ऐसे में अगर जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव की घोषणा भी लोकसभा चुनाव के साथ होती है, तो चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव के साथ 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेशों के चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करनी होगी.
दरअसल साल 2019 में धारा 370 हटने के बाद और जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा का पहली बार चुनाव होगा. लेकिन जम्मू कश्मीर में 2014 के बाद अब तक विधानसभा के चुनाव नहीं हुए हैं. ऐसे में जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर काफी दिलचस्पी है. और ज्यादातर दल चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव के साथ ही जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव भी कराया जाए. लेकिन जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव लोकसभा के साथ होंगे कि नहीं यह वहां के कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी निर्भर करेगा.