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Today Conclave आयोजन में बोले अरुण पुरी…..’इंडिया मोमेंट को अब इंडिया मूवमेंट कहें’,

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Arun Puri said in Today Conclave  event… ‘Now call India Moment as India Movement’,

कॉन्क्लेव का आयोजन राजधानी दिल्ली में 15 मार्च से शुरू हुआ और यह 16 मार्च तक चलेगा. कॉन्क्लेव के प्रतिष्ठित वक्ताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, नारायण मूर्ति समेत कई दिग्गज हस्तियां हैं.

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के 21वें संस्करण में स्वागत है. पिछले साल हमारे कॉन्क्लेव की थीम थी ‘इंडिया मोमेंट’. मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि ‘इंडिया मोमेंट’ का लगातार विस्तार हुआ है और इसका दायरा लगातार बढ़ा है. लेकिन थोड़ा महत्वाकांक्षी होकर इसे ‘इंडिया मूवमेंट’ कहें. इस तरह हम खुद को याद दिलाते रहेंगे कि हमें अभी क्या-क्या करना है? इस तरह हम खुद से लगातार पूछते रहेंगे कि हमारा अगला बड़ा कदम क्या है?

हम आज क्या कर सकते हैं ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि इंडिया मोमेंट लंबे समय तक रहे और एक आंदोलन में तब्दील हो जाए. और यह भारत को इतना विकसित और सशक्त कर दे, जैसा पहले कोई और ना हुआ हो.

मेरे लिए, एक बेहतर भविष्य का निर्माण करने का तरीका उस भविष्य को लेकर स्पष्ट विजन रखना है. और फिर उस विजन को वास्तविकता में तब्दील करने की दिशा में काम करने से है.

सामने भारत के भविष्य की पांच तस्वीरें पेश करने जा रहा हूं, जो मुझे लगता है कि हमने हासिल कर ली हैं. पहली, गरीबी रेखा  को भूल जाइए, जिसे लेकर भारत में आमतौर पर चर्चा होती है. अब इसे गरिमा रेखा  में तब्दील कर दें. मैं इसे गरिमा रेखा ही कहूंगा. पिछले लगभग एक महीने के भीतर सरकार ने जो डेटा जारी किया है, उसमें बताया था कि देश में अत्यधिक गरीबी लगभग खत्म हो गई है. अत्यधिक गरीबी अब देश में दो फीसदी से भी कम है.

लेकिन मैं आपको बताना चाहूंगा कि अत्यधिक गरीबी को पार करना बहुत आसान है. वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, गरीबी को प्रतिदिन 2.15 डॉलर पीपीपी की उपभोग खपत के रूप में परिभाषित किया गया है. इसका मतलब है कि यह एक महीने में 1200 रुपये से 1500 रुपये या प्रतिदिन के हिसाब से 40 से 50 रुपये है.

बीते दस सालों में मौजूदा सरकार ने 20 करोड़ से ज्यादा लोगों को अत्यधिक गरीबी रेखा से ऊपर उठाकर बेहतरीन काम किया है.
अब गरिमा रेखा को निर्धारित करते हैं. यह वह रेखा है, जो बुनियादी तौर पर गरिमापूर्ण जीवन जीने का पैमाना तय करती है. इसमें भोजन से लेकर आवास, बिजली, स्वच्छ पानी, शिक्षा और हेल्थकेयर जैसी बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं. और यकीनन, एक रोजगार जिससे आपको बेसिक आय हो.

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