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मैक्सिको में इसी वायरस से गई थी पहली बार किसी व्यक्ति की जान,भारत में मिला H9N2 बर्ड फ्लू का दूसरा मामला,

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This virus had killed a person for the first time in Mexico, the second case of H9N2 bird flu found in India,

बीते कुछ दिनों से बर्ड फ्लू (Bird Flu) लगातार दुनियाभर में चिंता का विषय बना हुआ है। अमेरिका में इंसानों में इसका मामला सामने आने के बाद से ही हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है। इतना ही नहीं बीते दिनों वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने मेक्सिको में बर्ड फ्लू से होने वाली पहली मौत की पुष्टि की थी। इसी बीच अब भारत से इसे लेकर एक चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, मंगलवार को WHO ने भारत में एवियन इन्फ्लुएंजा ए (H9N2) वायरस से मानव संक्रमण के मामले की पुष्टि की।

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पश्चिम बंगाल से सामने आया मामला

भारत के इंटरनेशनल हेल्थ रेगुलेशन (IHR) नेशनल फोकल पॉइंट (NFP) ने 22 मई को WHO को पश्चिम बंगाल राज्य में रहने वाले 4 वर्षीय बच्चे में एवियन इन्फ्लूएंजा ए (H9N2) वायरस से मानव संक्रमण के मामले के बारे में सूचित किया। इस बच्चे में पहले हाइपररिएक्टिव एयरवे रोग का पता चला था। शुरुआत में उसे 26 जनवरी को बुखार और पेट दर्द की शिकायत के बाद डॉक्टर के पास ले जाया गया। इसके बाद 2 फरवरी को लोकल सरकारी अस्पताल में वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब में मरीज को इन्फ्लूएंजा बी और एडेनोवायरस पॉजिटिव पाया गया।

भारत में बर्ड फ्लू का दूसरा मामला

इसके बाद उसे 28 फरवरी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, लेकिन 3 मार्च को गंभीर रेस्पिरेटरी समस्या के कारण इसे दूसरे सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। इसके बाद कई परीक्षणों के बाद मरीज को इन्फ्लूएंजा ए (H9N2) वायरस से संक्रमित पाया गया। WHO के मुताबिक, मरीज का आसपास की पोल्ट्री से संपर्क था। बता दें कि यह भारत में H9N2 बर्ड फ्लू का दूसरा मानव संक्रमण है। इससे पहले साल 2019 में इसका पहला मामला मिला था।

कैसे फैलता है एनिमल इन्फ्लूएंजा वायरस?

एनिमल इन्फ्लूएंजा वायरस आम तौर पर जानवरों के बीच फैलता है, लेकिन यह इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है। मनुष्यों में संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों या दूषित वातावरण के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। इंटरनेशनल हेल्थ रेगुलेशन (IHR) के मुताबिक नए इन्फ्लूएंजा ए वायरस सब-टाइप के कारण होने वाला मानव संक्रमण एक ऐसा मामला है, जिसमें लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है और इसे डब्ल्यूएचओ को सूचित किया जाना चाहिए।

क्या होता है H9N2 वायरस?

H9N2 एक वायरस है. यह वायरस पक्षियों में होता है. आमतौर पर मुर्गियों में यह वायरस पाया जाता है जिसे बर्ड फ्लू कहते हैं. H9N2 इन्फ्लूएंजा वायरस का सबटाइप है जो पहले पक्षियों को इफेक्ट करता है और फिर उनसे मनुष्य में इसका संक्रमण होता है. यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. हालांकि इस वायरस के मनुष्यों में संक्रमण के मामले बेहद कम होते हैं. मुर्गी पालन केंद्रों में पाली गई मुर्गियों के संपर्क में आने से यह वायरस हो सकता है. भारत में पांच साल बाद इस वायरस का दूसरा मामला सामने आया है जिसकी वर्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने पुष्टि कर दी है. इस वायरस से ग्रसित चार साल के बच्चे को 26 जनवरी से पेट में ऐंठन और बुखार की समस्या थी जिसके बाद उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

कैसे आया बर्ड फ्लू की चपेट में?

एजेंसी के मुताबिक बच्चे के घर में और आसपास मुर्गी पालन का व्यवसाय होता है. हालांकि बच्चे के परिवार में किसी सदस्य को श्वास संबंधी दिक्कत नहीं थी. साथ ही उसके आसपास रहने वाले लोगों में भी किसी को कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ा था.

कैसे फैलता है बर्ड फ्लू?

बर्ड फ्लू जंगली पक्षियों के कारण होता है. इसमें पक्षी H9N2 वायरस से संक्रमित होते हैं. यह वायरस मुख्य रूप से पक्षियों को संक्रिमत करता है. लेकिन इस वायरस के कारण कुछ इंसानों पर भी प्रभाव पड़ता है. पश्चिम बंगाल के मामले में भी बच्चा के आसपास मुर्गी पालन का व्यवसाय होता है.

बर्ड फ्लू के कई वेरिएंट आएं हैं सामने

बीतें कुछ महीनों में बर्ड फ्लू के अलग-अलग वेरिएंट सामने आए हैं. जिन देशों में नए वेरिएंट सामने आए हैं. उनमें भारत, तीन अमेरिका सहित कई देश शामिल हैं. भारत में हुए मामले की पुष्टि WHO ने 11 जून को की. पश्चिम बंगाल का यह केस भारत का दूसरा मामला है. इससे पहले साल 2019 में भारत में सबसे पहला मामला सामने आया था.

बच्चे में दिखे H9N2 के ये लक्षण

​WHO के अनुसार, बच्चे को गंभीर सांस लेने की समस्या, तेज बुखार और पेट में दर्द के चलते फरवरी में स्थानीय अस्पताल के पीडियाट्रिक आईसीयू में भर्ती कराया गया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि तीन महीने के इलाज के बाद बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

संक्रमण कैसे हुआ और संपर्क में आए लोग

WHO ने बताया कि बच्चा घर और आसपास के मुर्गियों के संपर्क में आया था। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों में सांस लेने संबंधी बीमारी के कोई लक्षण नहीं देखे गए।

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