In the presence of thousands of villagers, the public hearing of the Environment Protection Board for the proposed ACC cement plant of Adani Group in Bilaspur district was completed peacefully.
एसीसी सीमेंट प्लांट *क्षेत्र विकास सहित भूमि का उचित मुआवजा इत्यादि की रही मुख्य मांगें, कंपनी ने जताई गांवों में सामाजिक सरोकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता
मस्तूरी। पर्यावरण संरक्षण मण्डल द्वारा बिलासपुर जिले के मस्तूरी ब्लॉक में प्रस्तावित अदाणी समूह के एसीसी सीमेंट प्लांट के लिए मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई सम्पन्न हो गयी। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल के पर्यावरण स्वीकृति के लिए आदेश कलेक्टर बिलासपुर द्वारा दिनांक 2 जून 2024 को जारी किया गया था। जिसके अनुसार मेसर्स एसीसी लिमिटेड ग्राम गोदाडीह, बोहारडीह एवं लोहर्सी तहसील मस्तूरी, जिला- बिलासपुर स्थित प्रस्तावित एकीकृत सीमेंट परियोजना- क्लिंकर -3.3 मिलियन टन प्रति वर्ष, सीमेंट -1.0 मिलियन टन प्रति वर्ष, सीपीपी-30 मेगावाट, डब्ल्यूएचआरएस-17 मेगावाट और डीजी सेट – 2×2000 केवीए और 1×500 केवीए के लिए जनसुनवाई 18 जून 2024 को प्रातः 11:00 बजे से ग्राम लोहर्सी में सफलतापूर्वक आयोजित की गई। जिसमें पीठासीन अधिकारी के रूप में बिलासपुर के अतिरिक्त कलेक्टर श्री आर.ए.कुरुवंशी तथा छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल बिलासपुर के क्षेत्रीय अधिकारी श्री मनीष कश्यप मौजूद थे। परियोजना के बारे में जानकारी एसीसी सीमेंट, चिल्हाटी के खान प्रबंधक पिनाकपानी पांडे द्वारा दी गई। लगभग 3.30 घंटे से ज्यादा समय तक चले इस जन सुनवाई में पचपेड़ी तहसील के ग्राम लोहर्सी सहित गोदाडीह, बोहारडीह, भुरकुंडा, इत्यादि गांव के हजारों ग्रामीणों ने भाग लिया। इस दौरान सभा में ग्रामीणों द्वारा मुख्यरूप से क्षेत्र का विकास, भूमि का उचित मुआवजा, नौकरी और स्वरोजगार के लिए गांव से पलायन रोकने उचित प्रबंध सहित कई बातों तथा सुझावों को शांति पूर्वक रखा जिसे श्री कुरवंशी ने बड़े ही ध्यानपूर्वक सुनकर जरूरी सुविधाओं को संबंधित कंपनी के अधिकारियों की उपस्थिति में पूरा करने का भरोसा दिलाया।
ग्राम लोहर्सी की महिला ममता तिवारी ने जनसुनवाई के दौरान कहा कि, “एसीसी खदान आने के पहले इस गांव को कोई नहीं जानता और ना ही कोई विकास हो रहा था। लेकिन जब से इसकी खदान खुली है तब से कई विकासात्मक कार्य शुरू हो गए हैं। और अब सीमेंट संयंत्र खुलने से हमारे गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविकीय योजना इत्यादि के साथ साथ विकास के कार्य और भी ज्यादा होंगे। इसलिए मैं हमारे गांव में अदाणी समूह के एसीसी सीमेंट खुलने का समर्थन करती हूँ।“ इस तरह लोक सुनवाई में पधारे 99 फीसदी लोगों ने अदाणी एसीसी सीमेंट संयंत्र खुलने का समर्थन किया।
असल में चिल्हाटी को मस्तूरी ब्लॉक के चूना पत्थर क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जो मस्तूरी से 30 किमी दूर स्थित है। वहीं मस्तूरी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से 23 किमी की दूरी पर स्थित एक छोटा सा शहर और ब्लॉक मुख्यालय है। यहां की साक्षरता दर कुल जनसंख्या की 57 फीसदी है। मस्तूरी ब्लॉक चूना पत्थर क्षेत्र पर आधारित है जहां सीमेंट संयंत्र और खदान स्थापित किए जा रहे हैं। यहां लोग कृषि भूमि और एक समय की फसल पर निर्भर हैं। आय का मुख्य स्रोत धान की खेती है। यहां की 60 फीसदी आबादी पांच से छह महीनों के लिए पास के जिले और राज्य में दैनिक मजदूरी के लिए पलायन कर जाती है। इस ब्लॉक में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। मस्तूरी ब्लॉक बिलासपुर जिले के एससी और ओबीसी लोगों और मैदानी क्षेत्र के बड़े समुदाय के अंतर्गत आता है।
जन सुनवाई के अंत में अदाणी सीमेंट के मुख्य विनिर्माण अधिकारी श्री रामभव गट्टू ने जनसुनवाई में पधारे सभी ग्रामीणों को कंपनी के सामाजिक सरोकारों के माध्यम से हर तरफ विकासात्मक कार्य कराने की अपनी प्रतिबद्धता की बात कही साथ ही जनसुनवाई आयोजित कराने हेतु जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, पर्यावरण विभाग, सभी ग्रामीणजनों तथा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार व्यक्त किया।
अदाणी समूह की एसीसी सीमेंट की जिले के मस्तूरी ब्लॉक के ग्राम चिल्हाटी सहित लोहार्सी, विद्याडीह, गोडाडीह, बोहरडीह और भुरकुंडा में चुना पत्थर की खदानें मौजूद हैं। कुल 27000 से अधिक जनसंख्या वाले इन ग्रामों में एसीसी सीमेंट के सामाजिक सरोकारों के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका उन्नयन तथा अधोसंरचना विकास के कई कार्य अदाणी फाउंडेशन के माध्यम से संचालित है।