NIA takes a big action, raids at 12 places in Tamil Nadu in a case related to Hizb ut-Tahrir
हिज्ब-उत-तहरीर मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) एक्शन मोड में आ गई है। मामले में एजेंसी ने तमिलनाडु में 10 स्थानों पर छापामारी की है। इसमें इरोड जिले के दो स्थान शामिल हैं।
2021 में एक व्यक्ति को किया था गिरफ्तार
समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों ने बताया कि छापेमारी अभी भी जारी है। बता दें कि एनआईए ने 2021 में मदुरै हिज्ब-उत-तहरीर मामले में तमिलनाडु में विभिन्न स्थानों पर तलाशी के बाद एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था।
सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने का चल रहा था खेल
यह मामला शुरू में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 13 (1) (बी) के तहत तमिलनाडु के मदुरै शहर के थिदीर नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था।
मामले में मोहम्मद इकबाल ने अपने फेसबुक अकाउंट ‘थुंगा विझिगल रेंडू इज इन काजीमार स्ट्रीट’ का इस्तेमाल ऐसे पोस्ट अपलोड करने के लिए किया था, जो एक विशेष समुदाय को बदनाम करते थे। ये अकाउंट हानिकारक तरीके से विभिन्न धर्मों के बीच सांप्रदायिक विद्वेष को बढ़ावा देते थे।
इन जगहों पर पहुंची टीम
जानकारी के मुताबिक, एनआईए की टीम ने चेन्नई, त्रिची, पुदुकोट्टई, तंजावुर, इरोड और थिरुप्पुर सहित कुछ अन्य जगहों पर छापेमारी की है. एनआईए के अफसर, अब्दुल खान के घर पर भी छापेमारी कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि अब्दुल खान ने मंदैयूर के पास एक खेत पट्टे पर लिया है. वहीं एनआईए की एक टीम तंजावुर के कुलंधई अम्माल नगर पहुंची. टीम ने यहां रहने वाले अहमद के घर पर छापेमारी की.
क्यों रडार पर है HUT
दरअसल, वर्ष 2021 में एनआईए की एक टीम ने मदुरै से हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) मामले में एक आरोपी को अरेस्ट किया था. तब एनआईए ने इस केस में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ ही गैरकानूनी गतिविधि कानून के तहत मामला दर्ज किया था. पकड़ा गया आरोपी मोहम्मद इकबाल था. उस पर आरोप था कि उसने सोशल मीडिया पर एक वर्ग विशेष को टारगेट करते हुए आपत्तिजनक पोस्ट शेयर किए थे. उसके पोस्ट से सार्वजनिक व्यवस्था के बिगड़ने का खतरा जताया गया था.
काफी बड़ा है हिज्ब उत-तहरीर का दायरा
हिज्ब उत-तहरीर की स्थापना फिलिस्तीन में 17 नवंबर 1952 को पूर्वी यरुशलम में तकी अल-दीन अल-नभानी ने की थी. इस संगठन की विचारधार की बात करें तो यह समाजवाद और पूंजीवाद को मध्य पूर्व में बाहरी थोपे जाने के रूप में देखती है. इस संगठन का मकसद मुस्लिम बहुल भूमि में वैश्विक मुस्लिम आबादी (उम्माह) को पुनर्जीवित खिलाफत (खिलाफत, या इस्लामी राज्य) के तहत एकजुट करने का है. इस संगठन का लगातार विस्तार होता रहा. मौजूदा समय में इस संगठन की करीब 45 देशों में शाखाएं हैं.