The district administration will make every possible effort for the betterment of ex-servicemen and their families: Collector
विजय दिवस एवं गौरव माह के उपलक्ष्य में जिले के भूतपूर्व सैनिक जुटे
शहीदों के परिजनों को शॉल एवं सम्मान पत्र भेंटकर किया सम्मानित
उत्तर बस्तर कांकेर 20 दिसंबर 2024/ सशस्त्र सेना झंडा दिवस के उपलक्ष्य में जिले के भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों का सम्मेलन आज कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर एवं सभी सैनिकों को सशस्त्र सेना झंडा दिवस का ध्वज प्रतीक लगाया गया। इस अवसर पर कलेक्टर ने सभी भूतपूर्व सैनिकों एवं परिजनों को संबोधित करते हुए कहा कि सैनिकों की मुस्तैदी, सजगता और कठोर सेवा की वजह से देश सुरक्षित रहता है। यहां सभाकक्ष में कुछ ऐसे पूर्व सैनिक भी मौजूद हैं, जिन्होंने 1971 और कारगिल युद्ध में हिस्सा लिया है, जो इस जिले के लिए गर्व की बात है।
उन्होंने आगे कहा कि जिले में निवासरत भूतपूर्व सैनिकों व उनके परिजनों के कल्याण एवं बेहतरी के लिए जिला प्रशासन हर संभव मदद और प्रयास करेगा। कलेक्टर ने कहा कि जिले की सैनिकों की वीरता की कहानी के बारे में आने वाली पीढ़ी को भी जानकारी हो। इसके लिए पुस्तक प्रकाशित की जानी चाहिए, जिससे वे रक्षा क्षेत्र में सेवाएं देने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित हों। इस दौरान कलेक्टर ने सैनिकों के कल्याण के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित कार्यक्रम में कलेक्टर ने शहीद स्वर्गीय श्री गणेशराम सेना मेडल की माता श्रीमती जागेश्वरी बाई, शहीद सूबेदार मेजर श्री हरिराम तारम की पत्नी श्रीमती कुन्ती तारम और शहीद श्री मोती राम की पत्नी श्रीमती पद्मावती को शॉल और सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया। साथ ही सशस्त्र सेना झण्डा दिवस में सर्वाधिक राशि देने वाले एसपी श्री इंदिरा कल्याण एलेसेला, जिला पंचायत सीईओ श्री हरेश मंडावी और खनिज अधिकारी को प्रतीक-चिन्ह देकर सम्मानित किया।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन (आई.एन.) श्री संजय शुक्ला एन.एम. (से.नि.) ने बताया कि हमारी सशस्त्र सेनाएं हमारे देश की रक्षा कठिन परिस्थितियों में करती हैं। देश की रक्षा करते हुए बहुत से जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया या घायल हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार वीर नारियों, घायल सैनिकों तथा उनके परिजनों की सहायता के लिए 07 दिसम्बर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाती है। इसी तरह भारत-पाकिस्तान युद्ध में जीत के रूप में प्रतिवर्ष 16 दिसम्बर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। संकलित राशि का उपयोग युद्ध में शहीद सैनिक के परिजन और यु़द्ध में अपाहिज हुए सैनिकों के कल्याणार्थ किया जाता है। इस मद में कोई भी व्यक्ति अपनी स्वेच्छा से राशि जमा कर युद्ध के मैदान में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के परिजनों के कल्याण में भागीदार हो सकता है। इस अवसर पर जिले के भूतपूर्व सैनिक एवं उनके परिजन उपस्थित थे।