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सियासी वार: ‘मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता, नौकरी में तो कतई नहीं’, प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में पढ़ी नेहरू की चिट्ठी

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  • राज्यसभा में संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू की चिट्ठी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह चिट्ठी उस वक्त के राज्यों के मुख्यमंत्रियों को उन्होंने लिखी थी, जिसमें उन्होंने आरक्षण पर अपना विरोध दर्ज कराया था। वे आरक्षण के विरोधी थे।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक बार नेहरू जी ने एक चिट्ठी लिखी थी और ये उस समय देश के मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी है. मैं इसका अनुवाद पढ़ रहा हूं.
  • मोदी इसी चिट्ठी का अनुवाद पढ़ते हुए कहते हैं, ‘मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं. मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अकुशलता को बढ़ावा दे और दोयम दर्जे की तरफ ले जाए. ये पंडित नेहरू की मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी है.’
  • पीएम मोदी ने कहा कि इसलिए मैं कहता हूं कि ये जन्मजात आरक्षण के विरोधी हैं. नेहरू कहते थे कि अगर एससी-एसटी-ओबीसी को नौकरियों में आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा. आज ये लोग जो आंकड़ें गिनाते हैं ना, उसका मूल यहां हैं. उस समय इन लोगों ने इसे रोक दिया था. अगर उस समय सरकार में भर्ती हुई होती और वो प्रमोशन करते-करते आगे बढ़ते तो आज यहां पर पहुंचते.
  • बता दें कि यहां पीएम मोदी ने 27 जून 1961 को नेहरू द्वारा देश के मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी का जिक्र किया था. इस चिट्ठी में नेहरू ने पिछड़े समूहों को जाति के आधार पर नौकरियों में आरक्षण की पैरवी ना कर उन्हें अच्छी शिक्षा देकर सशक्त करने पर जोर दिया था.

कांग्रेस ने पिछड़ों को उनके अधिकारों से वंचित रखा- पीएम मोदी

राज्यसभा में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस ने पिछड़ों को उनके अधिकारों से वंचित रखा। हमने अनुच्छेद 370 को निरस्त किया, तब जाकर कितने दशकों के बाद एसटी,एससी, ओबीसी को वो अधिकार मिले, जो उन्हें बरसों पहले ही मिल जाने चाहिए थे। वंचित पिछड़ों को जम्मू-कश्मीर में कई अधिकार नहीं मिले थे।

हमने पिछड़े वर्गों को आगे बढ़ाने का काम किया- पीएम मोदी

आज मैं देश को अवगत कराना चाहता हूं कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के आरक्षण का विधेयक भी मंगलवार को लोकसभा में पास हो गया है। एससी, एसटी और ओबीसी उनको बढ़ी भागीदारी से कांग्रेस और उनके साथियों को हमेशा परेशानी रही है। बाबा साहेब के विचारों को खत्म करने के लिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है। बाबासाहेब को भारत रत्न देने की तैयारी भी भाजपा के समर्थन से बनी सरकार की मदद से ही मिला। सीताराम केसरी, जो इतने बड़े ओबीसी नेता रहे, उन्हें उठाकर सड़क पर फेंक दिया गया। उनके साथ क्या हुआ उसका वीडियो मौजूद है।

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राहुल गांधी ने क्या कहा था?

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रांची में सोमवार (5 फरवरी) को रैली करते हुए वादा किया था कि केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनने पर जाति आधारित जनगणना होगी. साथ ही हम आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटा देंगे.

उन्होंने इस दौरान पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि जब जाति आधारित जनगणना की मांग उठी और ओबीसी, दलितों और आदिवासियों को अधिकार देने का समय आया तो प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई जाति नहीं है, लेकिन जब वोट लेने का समय आता है तो वह कहते हैं कि वह ओबीसी हैं.

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