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इमरजेंसी की बरसी पर PM मोदी का प्रहार, कांग्रेस ने तो संविधान को रौंद दिया, आजादी खत्म कर दी…

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PM Modi’s attack on the anniversary of Emergency, Congress trampled the Constitution, ended freedom…

नई दिल्ली: देश में इमरजेंसी के आज 49 साल पूरे हो गए. आज इमरजेंसी की 50वीं बरसी है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को खूब सुनाया. इमरजेंसी की बरसी के मौके पर पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने तो संविधान को रौंद दिया और आजादी खत्म कर दी. कांग्रेस को संविधान के प्रति प्रेम का इजहार करने का कोई हक नहीं. इमरजेंसी लगाकर कांग्रेस ने देश को जेलखाना बना दिया था. पीएम मोदी ने एक्स पर कई पोस्ट कर कांग्रेस की जमकर आलोचना की है.
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज का दिन उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया. इमरजेंसी हमें याद दिलाता है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रताओं को नष्ट किया और भारत के संविधान को रौंद दिया, जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है.’ पीएम मोदी ने एक्स पर

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सिलसिलेवार पोस्ट में और क्या-क्या कहा?

सत्ता पर काबिज रहने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हर लोकतांत्रिक सिद्धांत की अवहेलना की और देश को जेलखाना बना दिया. कांग्रेस से असहमत होने वाले हर व्यक्ति को प्रताड़ित किया जाता था और परेशान किया जाता था. सबसे कमजोर तबकों को निशाना बनाने के लिए सामाजिक रूप से प्रतिगामी नीतियां लागू की गईं. आपातकाल लगाने वालों को हमारे संविधान के प्रति अपने प्रेम का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है. ये वही लोग हैं जिन्होंने अनगिनत मौकों पर अनुच्छेद 356 लगाया, प्रेस की आजादी को खत्म करने वाला विधेयक पारित किया, संघवाद को नष्ट किया और संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया. आपातकाल लगाने वाली मानसिकता उसी पार्टी में बहुत ज्यादा जीवित है जिसने इसे लगाया था. वे अपने दिखावे के जरिए संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छिपाते हैं लेकिन भारत की जनता उनकी हरकतों को समझ चुकी है और इसीलिए उन्होंने उन्हें बार-बार नकारा है.

जेपी नड्डा-राजनाथ ने भी किया हमला

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि जो लोग आज भारतीय लोकतंत्र के संरक्षक होने का दावा करते हैं, उन्होंने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए उठाई गई आवाजों को दबाने का कोई मौका नहीं छोड़ा. वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाया गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र में एक काला अध्याय है, जिसे चाह कर भी भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा, ‘सत्ता के दुरुपयोग और तानाशाही का जिस तरह खुला खेल उस दौरान खेला गया, वह कई राजनीतिक दलों की लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर बहुत बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है.’

भाजपा ने क्यों की आलोचना?

भाजपा ने कांग्रेस की तीखी आलोचना ऐसे समय की है, जब विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगा रहे हैं. 18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू होने पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्य संसद में संविधान की प्रतियां लेकर गए थे. पीएम मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए आपातकाल लगाए जाने का भी जिक्र किया था और लोगों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया था कि ऐसा दोबारा न हो.

कांग्रेस ने सत्ता सुख के लिए अधिकार छीन लिए थे

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, देश में लोकतंत्र की हत्या और उस पर बार-बार आघात करने का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है. साल 1975 में आज के ही दिन कांग्रेस के द्वारा लगाया गया आपातकाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. अहंकार में डूबी, निरंकुश कांग्रेस सरकार ने एक परिवार के सत्ता सुख के लिए 21 महीनों तक देश में सभी प्रकार के नागरिक अधिकार निलंबित कर दिए थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी थी, संविधान में बदलाव किए और न्यायालय तक के हाथ बांध दिए थे. आपातकाल के खिलाफ संसद से सड़क तक आंदोलन करने वाले असंख्य सत्याग्रहियों, समाजसेवियों, श्रमिकों, किसानों, युवाओं व महिलाओं के संघर्ष को नमन करता हूं.

आवाज को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी: नड्डा

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ‘एक्स’ पर लिखा, 25 जून 1975… यह वो दिन है जब कांग्रेस पार्टी के आपातकाल लगाने के राजनीतिक रूप से प्रेरित फैसले ने हमारे लोकतंत्र के स्तंभों को हिला दिया था और डॉ. अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान को कुचलने की कोशिश की थी. इस दौरान जो लोग आज भारतीय लोकतंत्र के संरक्षक होने का दावा करते हैं, उन्होंने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा में उठने वाली आवाजों को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. आज हम अपने महान नायकों द्वारा किए गए बलिदानों को याद करते हैं जो इमरजेंसी के दौरान बहादुरी से लोकतंत्र के संरक्षक के रूप में खड़े रहे. मुझे गर्व है कि हमारी पार्टी उस परंपरा से जुड़ी है जिसने आपातकाल का डटकर विरोध किया और लोकतंत्र की रक्षा के लिए काम किया.

लोकतंत्र के इतिहास में यह काला अध्याय

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, आज के ठीक 49 साल पहले भारत में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा आपातकाल लगाया गया था. आपातकाल हमारे देश के लोकतंत्र के इतिहास का वह काला अध्याय है, जिसे चाह कर भी भुलाया नहीं जा सकता. सत्ता के दुरुपयोग और तानाशाही का जिस तरह खुला खेल उस दौरान खेला गया, वह कई राजनीतिक दलों की लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर बहुत बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है.
राजनाथ का कहना था कि यदि आज इस देश में लोकतंत्र जीवित है तो उसका श्रेय उन लोगों को जाता है जिन्होंने लोकतंत्र की बहाली के संघर्ष किया, जेल गये और न जाने कितनी शारीरिक और मानसिक यातना से उन्हें गुजरना पड़ा. भारत की आने वाली पीढ़ियां उनके संघर्ष और लोकतंत्र की रक्षा में उनके योगदान को याद रखेंगीं.
इससे पहले सोमवार को 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होते ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्य संसद में संविधान की प्रतियां लेकर पहुंचे थे. प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधा था और आपातकाल लगाए जाने का भी जिक्र किया था.

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