Kedarnath doors closed for devotees for 6 months from today, note important details
चारधामों में से एक पवित्र केदारनाथ धाम के कपाट आज यानी 15 नवंबर (भाई दूज) से अगले 6 महीने के लिए बंद हो रहे हैं। इसके साथ ही आज पैदल यात्रा में डोली आज रामपुर पहुंचेगी और फिर कल गुप्तकाशी और 17 नवंबर 2023 को ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी। यहां पर पूरे शीतकाल के दौरान तकरीबन 6 महीने तक बाबा केदारनाथ की पूजा-अर्चना और आरती की जाएगी। वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट चार दिन बाद 18 नवंबर को बंद होंगे।
साढ़े छ: बजे मंदिर गर्भगृह में समाधि पूजा समाप्त हुई
साढ़े छ: बजे मंदिर गर्भगृह में समाधि पूजा समाप्त हुई और उसके बाद मंदिर के अंदर सभामंडप में स्थित छोटे मंदिरों को भी बंद किया गया। इसके बाद साढ़े आठ बजे केदारनाथ मंदिर के दक्षिण द्वार और फिर पूरब द्वार को भी बंद किया गया।
ज्योतिषीय गणना के आधार पर खुलते हैं कपाट
केदारनाथ मंदिर के पुजारियों के मुताबिक मंदिर के कपाट खोलने और बंद होने का निर्णय ज्योतिष शास्त्र के आधार पर किया जाता है। केदारनाथ मंदिर के कपाट को खोलने का फैसला अक्षय तृतीया के दिन लिया जाता है। फिर पंचांग देखकर शुभ तिथि का विचार करने के बाद डेट की घोषणा महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर की जाती है।
ढाई हजार भक्त बने साक्षी
कार्तिक मास शुक्ल पक्ष द्वितीया, वृश्चिक राशि, ज्येष्ठा नक्षत्र के शुभ अवसर पर प्रात: साढ़े आठ बजे विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद हो गए। केदारघाटी की ऊंची चोटियों पर बर्फ की चादर बिछी हुई है। वहीं धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर मौजूद भक्त कड़ाके की ठंड में सुबह-सवेरे से ही मंदिर परिसर में एकत्र होने लगे थे। बाबा केदार के कपाट बंद होने के अवसर पर मौसम साफ रहा और हजारों भक्तों ने पंचमुखी डोली के दर्शन किये।
मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था
कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था। कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली हजारों तीर्थयात्रियों के साथ सेना के बैंड बाजों के साथ पैदल प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान हुई।